
नई दिल्ली – मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर देशभर में मचे बवाल के बीच, अब सपा नेता रामगोपाल यादव के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और एयर मार्शल ए.के. भारती की जाति सार्वजनिक रूप से बताकर बहस को और गहरा कर दिया है।
आप सांसद संजय सिंह ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि सेना को धर्म या जाति से जोड़कर देखना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि अनुचित भी है।
सेना का कोई धर्म या जाति नहीं: संजय सिंह
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में संजय सिंह ने कहा,
“जो देश के लिए लड़ते हैं, जो सेना में हैं, उनका न जाति से लेना देना है, न धर्म से। वे राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं, किसी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं। ऐसे लोगों को जाति या धर्म के चश्मे से देखना भारतीय सेना के गौरवपूर्ण इतिहास का अपमान है।”
विजय शाह और बीजेपी पर साधा निशाना
संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और उसकी डिजिटल ट्रोल आर्मी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि
“बीजेपी का ये नया चलन बन गया है — जो भी सरकार के खिलाफ बोले, या एकता की बात करे, उसे ट्रोल किया जाता है। हिमांशी नरवाल ने सिर्फ इतना कहा कि शहीदों की बहादुरी को हिंदू-मुसलमान के चश्मे से न देखा जाए, लेकिन उन्हें और उनके परिवार को सोशल मीडिया पर गालियां दी गईं।”
कर्नल सोफिया कुरैशी मामले पर दोबारा निशाना
संजय सिंह ने विजय शाह के पुराने बयानों का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि
“वो मंत्री हैं, संविधान की शपथ ली है, लेकिन उनके बयान लगातार आपत्तिजनक रहे हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी को उन्होंने आतंकवादियों की बहन कह दिया — ये बेहद शर्मनाक है।”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री का जिक्र
उन्होंने कहा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जब सरकार के सीजफायर के निर्णय की जानकारी दी, तब भी बीजेपी की ट्रोल आर्मी ने उनके परिवार को निशाना बनाया।
“ऐसे हमलों से यह सवाल उठता है कि बीजेपी की ट्रोल आर्मी आखिर साबित क्या करना चाहती है?”
सेना और देश सेवा जैसे संवेदनशील विषयों को राजनीतिक बयानों और जातिगत पहचान से जोड़ना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि ऐसी बयानबाज़ी से ना सिर्फ सेना का मनोबल प्रभावित होता है, बल्कि समाज में गैरज़रूरी तनाव भी उत्पन्न होता है।