
16 मई को संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए विशेष माना गया है। ‘संकष्टी’ का अर्थ होता है—संकटों का नाश करने वाली। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और विशेष उपायों को करने से जीवन की सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। 16 मई की रात चंद्रोदय रात 10:40 बजे होगा, जिसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
संकष्टी गणेश चतुर्थी पर करें ये विशेष उपाय:
- नौकरी पाने के लिए: घी में भुना बेसन और पिसी शक्कर से प्रसाद बनाकर भगवान को अर्पित करें और तीन परिक्रमा करें। इससे अच्छी नौकरी के योग बनते हैं।
- सफलता के लिए: “गं गणपतये नमः” मंत्र का 11 बार जप करें और हर बार पुष्प अर्पित करें। मेहनत का फल मिलेगा।
- स्वास्थ्य सुधार हेतु: 3 गोमती चक्र, 11 नागकेशर, और 7 कौड़ियों को सफेद कपड़े में बांधकर बीमार व्यक्ति के सिर से वारकर गणेश मंदिर में चढ़ाएं।
- शत्रु से मुक्ति: पान के पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर भगवान को अर्पित करें और शत्रु से मुक्ति की प्रार्थना करें।
- प्यार, पैसा और शोहरत: “हस्तिपिशचिलिखे स्वाहा” मंत्र का 51 बार जप करें। तीनों की प्राप्ति संभव होगी।
- करियर में उन्नति: दुर्वा मिले जल से भगवान को पूजन करें और रात में उसी जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- आर्थिक स्थिति सुधार: हल्दी लगे 5 गोमती चक्र भगवान के चरणों में अर्पित कर पूजा करें, फिर तिजोरी में रखें।
- जीवन की स्थिरता: घर में गणेश-लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें दोनों तरफ हाथी सूंड उठाए हों।
- बिजनेस ग्रोथ: ईशान कोण में लकड़ी की चौकी पर चावल से गणेश आकृति बनाकर पूजन करें, फिर चावल ऑफिस में रखें।
- सुख-शांति: भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित कर “एकदंताय विद्महे…” वाला गणेश गायत्री मंत्र जपें।
- छोटी खुशियों के लिए: गणेशजी को बूंदी के लड्डू अर्पित करें और बचा प्रसाद कन्याओं में बांटें।
- कार्य में सफलता: भगवान को कपूर और 6 लौंग की आहुति दें, कलावा चरणों में रखकर बाद में हाथ में बांधें।
विशेषज्ञ राय: आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी पर श्रद्धा और विधिपूर्वक किए गए उपाय निश्चित रूप से जीवन की दिशा बदल सकते हैं।