
वॉशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीयों के लिए बड़ी चिंता की खबर है। अमेरिकी संसद में एक नया बिल पेश किया गया है, जिसके तहत विदेशों में पैसा भेजने पर 5% अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। यदि यह बिल पास हो गया, तो एच-1बी वीजा धारकों, ग्रीन कार्ड होल्डर्स और अन्य गैर-अमेरिकी नागरिकों को अपने देश पैसा भेजने पर यह टैक्स चुकाना पड़ेगा।
‘द वन बिग ब्यूटिफुल बिल’ में टैक्स का प्रस्ताव
इस प्रस्ताव को ‘The One Big Beautiful Bill’ नामक 389 पन्नों के दस्तावेज में शामिल किया गया है। 327वें पेज पर साफ तौर पर लिखा गया है कि किसी भी गैर-अमेरिकी नागरिक द्वारा दूसरे देश में पैसा भेजने पर 5% टैक्स लगाया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि इस प्रस्ताव में न्यूनतम राशि की कोई सीमा तय नहीं की गई है — यानी कम पैसे भेजने पर भी टैक्स देना पड़ेगा।
सीधा असर भारतीयों पर
बिल के पास होने की स्थिति में इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर होगा। भारत, उन देशों में शामिल है जहां से सबसे ज्यादा रिमिटेंस (विदेशी धन प्रेषण) भेजा जाता है। RBI के मुताबिक, साल 2023-24 में अमेरिका से भारत भेजे गए पैसों की कुल राशि 32 अरब डॉलर थी, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
कितने भारतीयों पर पड़ेगा असर?
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस समय करीब 45 लाख भारतीय अमेरिका में रह रहे हैं, जिनमें से 32 लाख भारतीय मूल के हैं। इनमें बड़ी संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स, डॉक्टर और कारोबारी शामिल हैं, जो नियमित रूप से भारत में अपने परिवार को पैसे भेजते हैं। अगर बिल पास हो जाता है, तो हर ट्रांजेक्शन पर 5% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
टैक्स कटौती कहां होगी?
बिल के अनुसार, यह टैक्स वहीं स्थान पर काटा जाएगा जहां से पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है, यानी अमेरिका से भारत पैसा भेजने पर वहीं टैक्स काट लिया जाएगा। इसका सीधा असर भारतीय परिवारों की घरेलू आमदनी पर भी पड़ सकता है।
क्या कहता है विशेषज्ञों का अनुमान?
वित्त और विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि यह प्रस्ताव अप्रवासियों पर आर्थिक दबाव बढ़ा सकता है और रिमिटेंस फ्लो में भी गिरावट ला सकता है। वहीं, यह बिल अगर ट्रंप प्रशासन की दोबारा वापसी के बाद पास होता है, तो इसका राजनीतिक असर भी वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा सकता है।
भारतीयों को पड़ सकता है भारी
अगर यह बिल कानून बनता है, तो अमेरिका में बसे भारतीयों को भारत पैसा भेजना महंगा पड़ सकता है। जहां एक ओर इससे अमेरिका को अधिक टैक्स रेवेन्यू मिलेगा, वहीं दूसरी ओर भारतीय परिवारों की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। ऐसे में एनआरआई समुदाय और भारत सरकार दोनों की इस बिल पर करीबी नजर बनी हुई है।