
बॉलीवुड में महिलाएं सिर्फ एक्टिंग में ही नहीं, बल्कि बेहतरीन कहानियां लिखने में भी माहिर हैं। फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसी महिला लेखिकाएं हैं, जिनकी कहानियों ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। अलंकृता श्रीवास्तव, जूही चतुर्वेदी, मेघना गुलजार और गौरी शिंदे जैसी लेखिकाएं अपनी कलम से शानदार कहानियां गढ़ती हैं।
अलंकृता श्रीवास्तव

अलंकृता श्रीवास्तव ने ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’, ‘मेड इन हेवन’, ‘डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे’, ‘बॉम्बे बेगम्स’ और ‘मॉडर्न लव: मुंबई’ जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी है। उन्होंने फिल्म ‘टर्निंग 30’ से डायरेक्शन में डेब्यू किया और कई अवॉर्ड भी जीते।
जूही चतुर्वेदी

जूही चतुर्वेदी ने ‘पीकू’, ‘विक्की डोनर’, ‘गुलाबो सिताबो’ और ‘अक्टूबर’ जैसी शानदार फिल्मों की कहानियां लिखी हैं। उनकी कहानियों में आम जिंदगी की खूबसूरती और भावनाओं को बेहतरीन तरीके से दिखाया जाता है।
मेघना गुलजार

गुलजार साहब की बेटी मेघना गुलजार ने भी फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने ‘राज़ी’, ‘छपाक’ और ‘सैम बहादुर’ जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी और डायरेक्शन भी किया।
गौरी शिंदे

गौरी शिंदे ने ‘इंग्लिश विंग्लिश’ जैसी इमोशनल फिल्म लिखी, जिसने लाखों दिल जीते। इसके अलावा, उन्होंने शाहरुख खान और आलिया भट्ट स्टारर ‘डियर जिंदगी’ की भी कहानी लिखी।
महिला लेखिकाओं की बढ़ती ताकत
बॉलीवुड में अब महिला लेखिकाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। उनकी कहानियां न सिर्फ मनोरंजन करती हैं, बल्कि समाज को भी एक नया नजरिया देती हैं।